banaspatrika की नैतिकता नीति
हमारा मकसद
हम चाहते हैं कि banaspatrika से जुड़ा हर व्यक्ति ईमानदारी, सच्चाई और साफ नीयत के साथ काम करे। हमारा हर काम कानून के दायरे में हो और बिना किसी निजी फायदा उठाने के किया जाए। इस नीति का मकसद है कि सब लोग साफ और सही तरीके से काम करें।
बुनियादी नियम
कंपनी की तरफ से दिए जाने वाले उपहार या ट्रीट
हम तभी किसी को उपहार, दावत या भुगतान करते हैं जब ये बातें सही हो:
- वो सामान्य व्यवहार के तहत आते हों।
- उनका दाम ज्यादा ना हो और रिश्वत जैसी चीज़ न लगे।
- देश के कानून और ईमानदारी के नियमों के खिलाफ न हों।
- ऐसा कुछ न हो जिससे कंपनी की इज़्ज़त को नुकसान पहुंचे।
कंपनी के लोग जो उपहार लेते हैं
- बिना वजह, अपने या किसी के लिए कोई गिफ्ट लेना सही नहीं है।
- अगर कोई छोटा-सा गिफ्ट जैसे डायरी, पेन, टेबल कैलेंडर या चाय-नाश्ता है, तो वो चलता है।
- नकद पैसे या कोई महंगी चीज़ (जैसे स्टॉक या बड़ी गिफ्ट) नहीं ली जानी चाहिए।
- सीनियर लोग अपने जूनियर्स से महंगे तोहफे ना लें।
अपने हित और कंपनी के बीच टकराव ना हो
अगर आपको लगे कि आपकी कोई बात या काम कंपनी के फायदे को नुकसान पहुंचा सकती है, तो तुरंत अपनी टीम या सीनियर को बताएं। जैसे:
- किसी और कंपनी में हिस्सेदारी होना
- कहीं बाहर सलाह देना या निर्णायक की भूमिका में होना
गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखें
जो जानकारी सार्वजनिक नहीं है, उसे किसी से शेयर न करें।
अगर कोई व्यक्ति ऐसी जानकारी का गलत इस्तेमाल करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियमों का पालन जरूरी है
अगर कोई इस नीति को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर आपको किसी के नियम तोड़ने की जानकारी मिले, तो जल्दी से सीनियर या मानव संसाधन टीम को बताएं।
सोशल मीडिया पर क्या ना करें
- कुछ भी पोस्ट करने से पहले सोचें, क्योंकि आपकी पोस्ट सब देख सकते हैं।
- कंपनी की छवि को खराब करने वाली या झूठी बात न लिखें।
- अपनी राय शेयर करें, लेकिन साफ लिखें कि वो आपकी निजी राय है।
- कोई गुप्त जानकारी या अपमानजनक पोस्ट न करें।
- अगर किसी पोस्ट में कोई गलती दिखे तो तुरंत HR टीम को बताएं।
साहित्यिक चोरी पर हमारी सोच
banaspatrika में चोरी की गई खबरें या कॉपी-पेस्ट आर्टिकल की कोई जगह नहीं है। हम चाहते हैं कि हर रिपोर्ट खुद लिखी गई हो और किसी और की मेहनत की नकल न की गई हो।
न्याय और संतुलन जरूरी है
- हर रिपोर्टर को दोनों पक्षों की बात सुननी चाहिए।
- किसी पर आरोप लगे तो उसे अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए।
- खबर में पूरी सच्चाई होनी चाहिए, न कि किसी एक पक्ष की कहानी।